फूलों मैं सज रहे है श्री वृन्दावन बिहारी,
और साथ सज रही है वृषभानु की दुलारी,
तिरछा सा मुकुट सर पे रखा है किस अदा से,
करुना बरस रही है करुना भरी निगाह से,
बिन मोल बिक गया हूँ जब से छबी निहारी,
फूलों मैं सज रहे है श्री वृन्दावन बिहारी,
सिगार तेरा प्यारे शोभा कहूं क्या इसकी,
एक पे गुलाबी पट्टा एक पे गुलाबी साड़ी,
एक नन्द का है छोरा एक भानु की दुलारी,
फूलों मैं सज रहे है श्री वृन्दावन बिहारी,
चुन चुन के कलिया जिस ने दरबार है सजाया,
इन आभुशनो से जिसने तुम्हे सजाया,
उन हाथो के मैं सदके उन हाथो पे मैं वारी,
फूलों मैं सज रहे है
....जय श्री कृष्णा....
आप सभी श्री श्याम प्रेमियों को प्रिय प्रभु के जन्मदिवस "जन्माष्टमी" की बहुत बहुत बधाईयाँ...
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