Friday, August 27, 2010

कुछ दे या न दे श्याम ,इस अपनी दीवाने को ! दो आसू तो दे दे ,चरणों मे बहाने को !!



कुछ दे या न दे श्याम ,इस अपनी दीवाने को !
दो आसू तो दे दे ,चरणों मे बहाने को !!

नरसी ने बहाये थे,मेरा ने बहाये थे !
जब जब भी कोई रोया, तुम दोड़ के आये थे !!
काफी है दो बुदै ,घनश्याम रिझाने को ......

दो आसू तो दे दे , चरणों मे बहाने को
आसू वो खजाना है ,किस्मत से मिलता है !
इनके बहे जाने से , मेरा श्याम पिघलता है !!
करुना का तू सागर है ,अब छोड़ बहाने को ! ....
...
. दो आसू तो दे दे , चरणो मे बहाने को
दुःख मे बह जाते है , खुशियों मे जरुरी !
आसू के बिना "ATUL " , हर आख अधूरी है !!
पूरा कर दे आसू ,हर एक हर्जाने को ...... .....

.दो आसू तो दे दे चरणों मे बहाने को ......
हारे के सहारे की जय !!!!!!!
खाटू नरेश की जय !!!!!!!

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