!! अगर जोर मेरो चाले, हीरे मोती से नज़र उतार दूँ... !!
अनुपम मूरत थारी, ओ मेरे श्यामसुंदर !! थारे इस मनमोहक रूप को निरख-निरख, मेरे दिल में यही ख्याल आता हैं, की अगर मेरा जोर चले तो थारी इस मोहिनी मूरत की नज़र हीरे मोतियों से उतार दूँ...और थारे इस अनुपम श्रृंगार को और भी अनुपम सजा दूँ... और अगर मेरा जोर चले तो थारे इन प्यारे प्यारे गालो पे काली टिकी लगाने के लिए सूरज को भी इस ज़मीं पे उतार दूँ...
हे! मेरे श्यामसुन्दर
अगर जोर मेरो चाले, हीरे मोती से नज़र उतार दूँ...
जैसे उंवारे नून-राई श्यामसुंदर, सोना चांदी उंवार दूँ...
प्यारा प्यारा श्यामसुन्दर का, खूब सजा श्रृंगार...
सोहना सोहना चाँद-सा बनरा, बन बैठ्या सरकार...
काली टिकी लगावन ताइं, सूरज नीचे उतार दूँ...
अगर जोर मेरो चाले, हीरे मोती से नज़र उतार दूँ...
प्यारा प्यारा श्यामसुन्दर का खूब सजा श्रृंगार...
सोहना सोहना चाँद-सा बनरा, बन बैठ्या सरकार...
आसमान का तारा तोड़ू, थारे मुकुट में टाक दूँ...
अगर जोर मेरो चाले, हीरे मोती से नज़र उतार दूँ...
प्यारा प्यारा श्यामसुन्दर का, खूब सजा श्रृंगार...
सोहना सोहना चाँद-सा बनरा, बन बैठ्या सरकार...
चाँद और सूरज की लाली ले, थारे होठा-लाली लगाये दूँ...
अगर जोर मेरो चाले, हीरे मोती से नज़र उतार दूँ...
प्यारा प्यारा श्यामसुन्दर का, खूब सजा श्रृंगार...
सोहना सोहना चाँद-सा बनरा, बन बैठ्या सरकार...
इन अंखियन का घुंघरू बना कर, थारे चरणा माहि बांध दूँ...
अगर जोर मेरो चाले, हीरे मोती से नज़र उतार दूँ...
प्यारा प्यारा श्यामसुन्दर का, खूब सजा श्रृंगार...
सोहना सोहना चाँद-सा बनरा, बन बैठ्या सरकार...
कालजड़ा को बना के काजल, थारी अंखिया माहि घाल दूँ...
अगर जोर मेरो चाले, हीरे मोती से नज़र उतार दूँ...
प्यारा प्यारा श्यामसुन्दर का, खूब सजा श्रृंगार...
सोहना सोहना चाँद-सा बनरा, बन बैठ्या सरकार...
इन पलकों की कंघी बना, थारा घुंघराला बाल सवार दूँ...
अगर जोर मेरो चाले, हीरे मोती से नज़र उतार दूँ...
प्यारा प्यारा श्यामसुन्दर का, खूब सजा श्रृंगार...
सोहना सोहना चाँद-सा बनरा, बन बैठ्या सरकार...
रोम रोम की झाड़ू बना मैं, चौखट थारी बुहार दूँ...
अगर जोर मेरो चाले, हीरे मोती से नज़र उतार दूँ...
प्यारा प्यारा श्यामसुन्दर का, खूब सजा श्रृंगार...
सोहना सोहना चाँद-सा बनरा, बन बैठ्या सरकार...
असुवन की गंगा से थारा, पावन चरण पखार दूँ...
अगर जोर मेरो चाले, हीरे मोती से नज़र उतार दूँ...
प्यारा प्यारा श्यामसुन्दर का, खूब सजा श्रृंगार...
सोहना सोहना चाँद-सा बनरा, बन बैठ्या सरकार...
सारी दुनिया की रेशम से, थारो पेंचो बांध दूँ...
अगर जोर मेरो चाले, हीरे मोती से नज़र उतार दूँ...
प्यारा प्यारा श्यामसुन्दर का, खूब सजा श्रृंगार...
सोहना सोहना चाँद-सा बनरा, बन बैठ्या सरकार...
सारा रंग ले इंद्रधनुष से, थारो बागो रंगाये दूँ...
अगर जोर मेरो चाले, हीरे मोती से नज़र उतार दूँ...
प्यारा प्यारा श्यामसुन्दर का, खूब सजा श्रृंगार...
सोहना सोहना चाँद-सा बनरा, बन बैठ्या सरकार...
ई धरती की बना के टिकी, थारे माथे लगाये दूँ...
अगर जोर मेरो चाले, हीरे मोती से नज़र उतार दूँ...
प्यारा प्यारा श्यामसुन्दर का, खूब सजा श्रृंगार...
सोहना सोहना चाँद-सा बनरा, बन बैठ्या सरकार...
नीलगगन की बना के मखमल, थारो परदों बनाये दूँ...
अगर जोर मेरो चाले, हीरे मोती से नज़र उतार दूँ...;
प्यारा प्यारा श्यामसुन्दर का, खूब सजा श्रृंगार...
सोहना सोहना चाँद-सा बनरा, बन बैठ्या सरकार...
सारे बदन की चमड़ी उतारूँ, चरणा की जुती बनाये दूँ...
अगर जोर मेरो चाले, हीरे मोती से नज़र उतार दूँ...
प्यारा प्यारा श्यामसुन्दर का, खूब सजा श्रृंगार...
सोहना सोहना चाँद-सा बनरा, बन बैठ्या सरकार...
श्यामसुन्दर तुझे निरख-निरख कर, सौ सौ जनम गुजार दूँ...
अगर जोर मेरो चाले, हीरे मोती से नज़र उतार दूँ...
भाव : "श्री जयशंकर चौधरी जी"